दो शब्द :
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जिनके इरादे बुलद होते हैं वो तब तक नहीं हारते जब तक जीत न जाएँ। इसलिए असफलता को Ignore करो, लड़ते रहो, अपनी चाहत को महसूस करो। अपने लक्ष्य की दिशा में योजना बनाओ और काम करो। जब तक आप जीत नहीं जाते तब तक डंटे रहो I
सोंच :
बहुत से लोग अपने सपनों को तब छोड़ देते हैं जब उनका जीवन कठिन हो जाता है। वे अपना उत्साह खो देते हैं, हर जगह नाउमिन्दी दिखाई देती है। अब कुछ नहीं हो पायेगा, बस लगता है की हार मान लें, तो यदि आप भी ऐसा ही सोच रहे हैं तो मैं कहूंगा हिम्मते मर्दा तो मदते खुदा I
आप अभी निराश हैं और इसलिए लक्ष्य को छोड़ने के लिए तैयार हैं। आपकी गलती नहीं क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं पर कुछ लोग प्रयास करते हैं और उस मुकाम पर पहुंच जाते हैं जहाँ पहुंचने का सपना बहुत से लोग देखते हैं ।
क्योंकि कभी कभी ऐसा होता है की जब हम कोई काम करते है और उसमे हमे सफलता नहीं मिलती है तब हमे लगता है की बस अब हमसे नहीं हो पायेगा हम निराश होकर थक कर बैठ जाते है I उस वक्त हमे ये पता नहीं होता की शायद जब ये सोच रहे है की अब ये अंतिम प्रयास है तो उसी समय ये शुरुआत होती है I
आइये इस बात को एक छोटी सी कहानी से समझते है I
एक Insurance कंपनी थी उसमे एक स्टार एजेंट था जिसका नाम मनोज था, एक दिन उस कंपनी के एक् अधिकारी ने ये घोषणा करी की “अभी कंपनी ने अपना एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया है, जो भी इसको बेचेगा उसको प्रमोशन, इन्क्रीमेंट और इन्सेंटिव्स दिये जायँगे साथ हि एक नई कार भी, क्योंकि ये प्रोडक्ट थोड़ा कॉस्टली है इसी लिए इसके कस्टमर भी हाई फाइ होंगे,अतः इतना आसान नहीं होगा इसे बेचना हा मगर मुझे मनोज पर भरोसा है वो बेच लेगा क्योंकि इसके पास स्किल्स है और यू हि ये स्टार एजेंट ऑफ थे ईयर नहीं है? ” सभी ने मनोज को बधाई दी की अब तो तुम नई कार के मालिक बन हि जाओगे ! मनोज ने सबसे पहले उस शहर के नामी रईस लोगो की एक लिस्ट बनाई और फिर लग गया उनकें पीछे सभी से मिलता रहा उनको कन्विंस्ड करने की पुरी कोशिश की मगर सफलता नहीं मिली कुछ बोलते “मुझे ज़रूरत नहीं है”, कुछ कहते “बहुत महंगा है”, कुछ बोलते “बाद मे आना”, कुछ बोलते “अभी मैने इसके बारे मे सोचा नहीं है, जब सोच लूंगा तब आप को सूचित कर दूंगा”, मनोज को प्रयास करते करते कई महीने हो गये मगर वो बेच नहीं पाया, और फिर निराश हो कर वो अपनी कंपनी के अधिकारी के पास गया और बोला की सर मै बेच नहीं पाया इसके लिए माफी चाहूंगा मैने कई महीने कोशिश करी जबकी मै किसी से मिलने के 2 से 3 बार मे हि कुछ भी बेच देता हु, ये वाला बहुत महंगा है इसी लिए कोई खरीद नहीं रहा आप इसकी कॉस्ट कम कर दीजिये तब मै इसे अवश्य बेच दूंगा
अधिकारी ने कहा कॉस्ट तो कम नहीं कर सकते क्योंकि की हम जो सुविधा इसमे दे रहे है वो इससे कम मे नहीं दे पायंगे,
तब अधिकारी ने कहा की “और कोई इसे बेचने का प्रयास करेगा?” तब सभी एजेंट जो वहां पर मौनुद थे बोले की “जब मनोज हि नहीं बेच पाया तब हम क्या कर लेंगे” ! एक नया एजेंट जो एक दिन पहले हि कंपनी मे आया था, बोला “मै कोशिश करूंगा”, ये सुन कर मनोज के साथ सभी उस नए एजेंट जिसका नाम रवि था पर हसने लगे, अधिकारी बोला “ठीक है जाओ मनोज से सारे डिटेल्स ले लो और कोशिश करो”, रवि ने सारे डिटेल्स लिए और सबसे पहले उन्ही कस्टमर को मिला जिनसे मनोज मिलता आया था, उसे भी वही सब जवाब का सामना करना पड़ा मगर वो रोज कोशिश करता रहा और जो लोग बोलते की महंगा है तब वो उनको समझाता की आप के जीवन से नहीं? तब जा कर धीरे धीरे अलग अलग तरह से कस्टमर उसके प्रोडक्ट को खरीदने लगे, और फिर वो नये कस्टमर को पुराने कस्टमर का रेफ्रेंस दे कर बेच देता, उसने देखते हि देखते बहुत सारे कस्टमर बना लिए।
कंपनी ने रवी के कार्य से प्रस्सन हो कर उसको सम्मानित किया और उसको वो सब दिया जो अधिकारी ने कहा था। जब उसको सम्मानित किया गया तब रवि बोला की “इसके असली हक़दार तो मनोज जी हि है सारी मेहनत तो उन्ही की थी मैने तो सिर्फ उसका फ़ॉलोअप किया था, कस्टमर तो तैयार हो हि गये थे , मनोज जी एक दो बार और मिलते तब उनका काम हो हि गया होता”।
मनोज ने अंतिम समय मे जा कर हिम्मत हार दी थी इसी लिए आज उनके मेहनत का फल रवि ने खा लिया।
सारांश :
दोस्तों कोशिश करते रहना हमारे हाथ मे है और हमें ये तब तक करते रहना चाहिए जब तक की हमें इसमे सफलता नहीं मिल जाती, क्योंकि कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती।।
ये मोटिवेशनल स्टोरी आप को कैसी लगी ?
धन्यवाद आप ने अपना बहुमूल्य समय जो इसको पढ़ने मे दिया।