दो शब्द :
यहाँ पर मेरा मकसद किसी भी व्यक्ति विशेष, का माखौल उड़ाना नहीं है, ये एक हास्य व्यंग है, जिसका उद्देश्य सिर्फ अपने पाठकों का मनोरंजन करना है, आज की इस भागम भाग और स्ट्रेस भरी जिंदगी में थोडा हँसना भी ज़रूरी है I तो उसी सन्दर्भ में आनंद लेते है… मेरे इस लेख का जिसका शीर्षक है साक्षात्कार- Interview
मान्यता :
बेरोजगार युवाओं का दर्द वही जानते है जिनके पास कोई रोजगार नहीं होता, उस समय सिर्फ उसे एक उम्मीद की किरण ही बहुत होती है जिसमे रोजगार की हल्की सी भी रौशनी हो, चाहे वो काले कुत्ते को रोटी खिलाने से या सुबह होने पर अपना चेहरा नहीं देखने से लेकर मेरे लिए ये दिन, ये कपड़ा, ये कलम, ये रंग, ये अंक शुभ है जैसी बातें हो जिससे अब बेरोजगारी दूर हो जाएगी I
पात्र :
एक बार की बात है, रमेश नाम का एक आदमी था जो सादा जीवन व्यतीत करता था। उसने एक नौकरी के लिए आवेदन किया, फिर कुछ दिनों बाद उसे साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र आया, तब एक दिन, उसने नौकरी के साक्षात्कार के लिए एक नया सूट खरीदने का फैसला किया। वह भी अपने भाग्यशाली रंग का जो उसके एक शुभ अशुभ बताने वाले सलाहकार ने बताया था I उसी के कहे अनुसार वो एक फैंसी कपड़ों की दुकान में गया और विक्रेता ने उसका स्वागत किया।
“गुड मॉर्निंग सर, मैं आपकी कैसे मदद कर सकता हूं”? विक्रेता ने पूछा।
“मैं नौकरी के साक्षात्कार के लिए एक नए सूट की तलाश कर रहा हूं,” रमेश ने कहा।
सेल्समैन उसे महंगे सूटों के एक रैक के पास ले गया और पूछा, “यह कैसा रहेगा, सर? यह हमारी बेहतरीन कपड़ो की नवीनतम शैली है।”
रमेश ने मूल्य टैग को देखा और उसकी आँखें लगभग उसके सिर से बाहर निकल गईं। “इस सूट की कीमत मेरे मासिक वेतन से अधिक है! मैं इसे वहन नहीं कर सकता,” उन्होंने कहा।
विक्रेता मुस्कुराया और कहा, “ठीक है, सर, आप इसे नहीं खरीद सकते। यदि आप नौकरी चाहते हैं, तो आपको इसका काम देखना होगा, ये बहुत भाग्यशाली है” I
तो रमेश ने कहा “मुझे तो ग्रे रंग वाला ही सूट चाहिए” सेल्स मैन ने वही दिखाया, और कहा की ‘मेरे कहने पर आप वही सूट ले जाइये जो मैंने आप को पहले दिखाया है “ये हमारे यहाँ की नवीनतम शैलीं है” तब रमेश ने गर्व और आत्मविश्वास महसूस करते हुए वही सूट खरीदा जो उस सेल्समैन ने ज़ोर दे कर लेने को कहा था । वह इंटरव्यू के लिए गया, लेकिन जैसे ही वह अंदर गया, उसने देखा कि सभी ने वही सूट पहना हुआ था जो उसने पहन रखा था। वह एक मूर्ख की तरह महसूस कर रहा था, और आखिर में साक्षात्कार हुआ मगर उसे नौकरी नहीं मिली।
वह दुकान पर लौटा और विक्रेता से भिड़ गया। “मैंने सोचा था कि ये सूट आप के यहाँ कि यह नवीनतम शैली थी, लेकिन साक्षात्कार में हर किसी के पास यह था।”
विक्रेता ने मुस्कराहट के साथ उत्तर दिया, “वह महोदय, आप के ‘बेरोजगारी लाइन शैली’ थी।”
रमेश को ये सुन कर अच्छी हंसी आई, और फिर वो दोनों हँसने लगे I
निष्कर्ष :
साक्षात्कार-Interview हमारी क़ाबलियत, ज्ञान , अनुभव, बात करने की शैली, हमारी प्रस्तुति रुपरेखा पर निर्भर करता है I
जितनी शालीनता, सच्चाई, ईमानदारी हमारे अन्दर दिखेगी और जितनी ज्यादा हमारी अपने विषय पर पकड़ अच्छी होगी उतना ही अच्छा हमारा साक्षात्कार होगा हम सामने वाले को प्रभावित कर देंगे I साक्षात्कार प्रभावित करने का खेल है बस ये जिसने समझ लिया उसका चयन अवश्य ही होगा I
आप को ये पोस्ट कैसा लगा कृपया कमेंट में ज़रूर बताये जिससे मै आप के सुझाव का पालन करते हुए और भी अच्छे पोस्ट लिखने की कोशिश करूँगाI
धन्यवाद I