गुफ्तगू.-Guftagu

दिल से :

अब उनसे गुफ्तगू. नहीं होती..
अब पहले सी तकलीफ भी नहीं होती..
नहीं खोलता अब मै दिल का हर राज…
नहीं करता अब मै किसी से ज्यादा बात..
सब कहते है…क्यों अब तुममें नहीं वो पहले सी बात??
मन हि मन मुस्कुरा कर…धीरे से कह देता हु….
अब नहीं रहा इस दिल मे रहने वाला वो खास..
बहुत कोशिश करता हु की भुला दु उसका वो एहसास ..
सुना है अब बदल लिया है उसने अपना ठिकाना?
मगर ना जाने क्यों…अब उसे ढूंढने की चाहत भी नहीं होती..
अब उनसे गुफ्तगू नहीं होती..
ना उनकी यादों से, ना उनकी बातों से ना उनसे .
अब गुफ्तगू नहीं होती।।

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